What is Resistance in Hindi – प्रतिरोध
What is Resistance in Hindi – इलेक्ट्रिकल के पैरामीटरेा में सबसे आसान तरीके से सरल तरीके से समज में आने वाला पैरामीटर हे। इलेक्ट्रिक सर्किट में विद्युत प्रवाह में बाधा उत्पन्न करने वाले रेजिस्टेंस सीरीज में होता हे, और पैरेलल में होता हे।
Resistance Meaning In Hindi – प्रतिरोध,अवरोध
Resistance Definition – प्रतिरोध की परिभाषा :-
किसी पदार्थ द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह में दिए जाने वाले विरोध को उसका प्रतिरोध कहा जाता है।
एम्पेयर मुक्त इलेक्ट्रान का प्रवाह हे। और प्रतिरोध पदार्थ द्वारा किया गया विरोध है, जो इन इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह में बाधा डालता है। वैसे पदार्थ में रहे परमाणु और अणु ही इन इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह में बाधा डालते हैं।

Resistance In Hindi
Series Resistance
विद्युत प्रवाह वहन करने वाला वाहक के सीरीज में जो अवरोध उत्पन्न करता हे उसे सीरीज Resistance कहते हे।
Parallel Resistance
विद्युत प्रवाह वहन करने वाला वाहक के समांतर में जो अवरोध उत्पन्न करता हे उसे पैरेलल Resistance कहते हे।
Electrical Interview Questions
Unit of Resistance – प्रतिरोध की इकाई
प्रतिरोध की प्रैक्टिकल इकाई ओम (Ω) हे।
इसे रेजिस्टेंस (R) द्वारा दर्शाया जाता हे।
प्रतिरोध को मल्टीमीटर से आसानी से मापा जा सकता हे। पर हमारे पास Ampere और Voltage हे, तो हम ohm’s law के जरिए भी सर्किट के अवरोध की वैल्यू जान सकते हे।
Resistance Formula
R – रेजिस्टेंस
V – वोल्टेज
I – एम्पेयर
Resistivity – किस कारणों पे निर्भर करता हे ?
1 – एक कंडक्टर का प्रतिरोध R इसकी लंबाई के लिए सीधे आनुपातिक(Directly proportional है।
R ∝ L
R- Resistance- प्रतिरोध
L- Length – लंबाई
2 – कंडक्टर के क्रोस -सेक्शन क्षेत्र के विपरीत यानी आनुपातिक (inversely proportional) है।
R= p(L/A)Ω
R- Resistance – प्रतिरोध
p-Resistivity of the conductor-वाहक की प्रतिरोधकता
L-Length of the conductor- वाहक की लम्बाई
A-Cross section Area – पार अनुभाग क्षेत्र
3 – पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
4 – तापमान पर निर्भर करता है।
Conductor-विद्युत धारा के कम विरोध करने वाले पदार्थ
कुछ पदार्थ धातुएँ जैसे चाँदी,तांबा,एल्युमिनाईन आदि। विद्युत प्रवाह के फ्लो(मुक्त इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह) को बहुत कम विरोध की पेशकश करते हैं।और कंडक्टर कहलाते हैं।
धातुओं और मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता बहुत कम है। इसलिए,इन सामग्रियों विद्युत प्रवाह के अच्छे चालक होते हैं।
Non-Conductor- विद्युत धारा के ज्यादा विरोध करने वाले पदार्थ
दूसरी ओर वे पदार्थ जो विद्युत प्रवाह के फ्लो(मुक्त इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह)के लिए उच्च विरोध की पेशकश करते हैं। जिसमे कांच,रबर,अभ्रक,सूखी लकड़ी आदि विद्युत के आवाहक कहलाते हैं।
इन्सुलेटरों की प्रतिरोधकता अत्यंत विशाल है। इसीलिए, ये सामग्री शायद ही किसी भी प्रवाह का संचालन करती है।
Types of Resistor in Hindi – प्रतिरोधों के प्रकार
Fixed Resistor- निश्चित अवरोधक
वैसे हम नाम से ही समज सकते हे की इसमें प्रतिरोध की वो वैल्यू हे,जो कभी चेंज नहीं होगी (तापमान, आयु, आदि के अलावा) उदहारण देखे तो। .. कार्बन स्ट्रक्चर प्रतिरोधक, वायर वाउन्ड प्रतिरोधक, पतली फिल्म प्रतिरोधक मोटी फिल्म प्रतिरोधक जैसे प्रकार आते हे।
Variable Resistor-परिवर्ती अवरोधक
वेरिएबल या ने हमारी जरुरत के मुताबित जिसको हम कम या ज्यादा कर सके उसको परिवर्ती प्रतिरोधक कहते हे। जिसमे पोटेंशियोमीटर, रिओस्टेट और ट्रिमर जैसे प्रकार आते हे।
Working of Resistor – प्रतिरोधों के उपयोग
एक घटक जिसका सर्किट में फ़ंक्शन प्रतिरोध का एक निर्दिष्ट अवरोध करनेवाला मूल्य प्रदान करना है। जिसका मुख्य उपयोग करंट और वोल्टेज को सीमित करने के लिए हैं।
और कुछ मामलों में,गर्मी उत्पन्न करने के लिए किया जाता हैं। आमतौर पर बिजली और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में प्रतिरोधों का उपयोग किया जाता है।
VFD में मशीन (मोटर) की स्पीड बदलने के लिए पोटेंशियोमीटर का उपयोग किया जाता हे। रेडिओ में वॉल्यूम नियंत्रण, ऑटोमोबाइल में डैश रोशनी के लिए डायमर नियंत्रण और HT लाइन पर इन्सुलेटर आदी जगह पे उपयोग किया जाता हे।
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